Dussehra: Vijayadashami Puja 2020 दशहरा पूजन विधि, शुभ मुहूर्त
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दशहरा एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है अगर हिंदू कैलेंडर देखा जाए तो। दशहरा को विजयदशमी कहा जाता है इसका मतलब होता है- बुराई पर अच्छाई की जीत। हमारे समाज में रामायण के रावण को जलाकर बुराई का त्याग किया जाता है।
अवधि = ० घण्टे ४४ मिनट्स
दशमी तिथि प्रारम्भ = ७/अक्टूबर/२०१९ को ०३:०७ बजे
दशमी तिथि समाप्त = ८/अक्टूबर/२०१९ को ०५:२० बजे
इस त्यौहार के समय में रामलीला और अलग-अलग रामायण के नाटक दिखाएं और सुनाए जाते हैं। दशहरा से पहले का 9 दिन नवरात्रि कहलाता है, और इस दिन लोग पूजा और व्रत रखते हैं। पूर्वी भारत में दशहरा का मतलब होता है 9 दिन का दुर्गा पूजा के विधि-विधान का अंत। दुर्गा जी को बहुत ही विधि विधान और पारंपरिक रुप से विसर्जन किया जाता है। दुर्गा जी की 9 दिन की नवरात्रि भी बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है- मां दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षस को मारकर लोगों को उस के प्रकोप से बचाया था, जो कि यह दर्शाता है कि हमेशा ही बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। दुर्गा माता के साथ साथ महालक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेश भगवान और कार्तिकेय भगवान का भी पूजा किया जाता है।
दशहरा पूजा की पूरी विधि यहां देखें:- navratri puja vidhi
इसके साथ-साथ विजय मुहूर्त और अपर्णा पूजा का समय भी जान लें:-
हमें उम्मीद है कि आप दशहरा और दुर्गा पूजा दोनों का लुप्त उठाएंगे, और ढेर सारी मौज मस्ती करेंगे। भारत में त्यौहार के समय अलग अलग पकवान बनाए जाते हैं जिनमें से लड्डू, बर्फी, रसगुल्ला, खीर, हलवा और काफी सारे व्यंजन तैयार किए जाते हैं उम्मीद है आप लोग उसका भी लुफ्त उठाएंगे। इसके साथ-साथ दशहरा पूजा का मेला घूमना और परिवार को घुमाना ना भूले जिसमें आपको जरूर आनंद आएगा।
Celebrations of Dussehra include numerous traditions and rituals, we have tried to cover some important parts of this festival, so that you can easily know about dussehra puja vidhi.
Dussehra puja 2019
दशहरा 10 दिन का त्यौहार है, और दशमा दिन जो होता है उसको दसवीं कहा जाता है जिस दिन दशहरा पूजा समाप्त होती है। हिंदू महीना के हिसाब से अश्विन मतलब की पूरी चांद का दिन भी इसी दिन होता है। दशहरा हर राज्य में अलग-अलग तरीके में मनाया जाता है जिसमें उनके अपने रीति-रिवाज शामिल होते हैं। पुरानी कहानियां के हिसाब से भगवान राम ने रावण से 10 दिन तक युद्ध लड़ा था, जिस में रावण की हार हुई थी। इसके बाद भगवान राम ने सीता मैया को छुड़ाकर लंका से वापस ले आए थे इसीलिए दशहरा मनाया जाता है। भगवान राम की जीत यह दर्शाता है कि हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और यह सत्य कभी झूठ लाया नहीं जा सकता।
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विजयदशमी पूजा का समय
विजय मुहूर्त = १४:४३ से १५:२८अवधि = ० घण्टे ४४ मिनट्स
अपराह्न पूजा का समय = १३:५८ से १६:१३
अवधि = २ घण्टे १४ मिनट्स
दशमी तिथि प्रारम्भ = ७/अक्टूबर/२०१९ को ०३:०७ बजे
दशमी तिथि समाप्त = ८/अक्टूबर/२०१९ को ०५:२० बजे
Dussehra puja vidhi in hindi, marathi
दशहरा शस्त्र पूजन विधि
विजय दशमी 2019 पर ऐसे करें पूजन
- दशहरे के दिन सुबह दैनिक कर्म से निवृत होने के पश्चात, स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर में जितने भी लोग हैं सबको सुबह ना दुआ कर पूजा करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
- इसके बाद गाय के गोबर से 10 गोले अर्थात कण्डे बनाए जाते हैं।
- इन कण्डो पर दही लगाई जाती है।
- दशहरे के पहले दिन जौ उगाए जाते हैं।
- वह जौ दसवें दिन यानी दशहरे के दिन इन कण्डों के ऊपर रखे जाते हैं।
- उसके बाद धूप-दीप जलाकर, अक्षत से रावण की पूजा की जाती है।
- कई स्थानों पर तो लड़के अपने सर तथा कान पर यह जो रखकर पूजा की शुरूआत किया करते हैं ।
- भगवान राम की झांकियों पर भी यह जौ चढा़ए जाते हैं।
दशहरा पूजा की पूरी विधि यहां देखें:- navratri puja vidhi
Dussehra puja time
Dussehra puja muhurat 2019 will help you know the right timing of performing this puja if you are doing this at home. Correct timing of puja muhurat is very important in our culture therefore take special care of puja timing while performing dussehra puja vidhi rituals.
दशहरा पूजा कि शुभ मुहूर्त
इस साल 2019 में दशहरा 30 सितंबर यानी कि शनिवार के दिन है। और दशमी के शुरुआत की तारीख और समय 11:49pm - 29/09/2019 से लेकर दसवीं के खत्म होने की समय 1:35am -1/10/2019 है।इसके साथ-साथ विजय मुहूर्त और अपर्णा पूजा का समय भी जान लें:-
- विजय मुहूर्त -2:08pm to 2:55pm
- अपर्णा पूजा -1:21pm to 3:42pm
- दशहरे के दिन आप कोई भी नया व्यापार शुरू कर सकते हैं बिना किसी संकोच के।
- यह दिन अत्यंत शुभ अतिथियों में से एक है तथा इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, स्वर्ण, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है।
- इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं।
- दशहरा का पर्व समस्त पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, अहंकार, हिंसा आदि के त्याग की प्रेरणा प्रदान करता है।
- अगर आप दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करते हैं या अति शुभ होगा आपके और आपके परिवार के लिए।
- दशहरे के दिन शस्त्र-पूजा की जाती है।
- प्राचीन काल में राजा महाराजा इस दिन विजय की प्रार्थना करके ही रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।
धन लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए दिवाली पर करें ये टोटके :- diwali ke totkeदुर्गा पूजा की महत्व पूरे भारतवर्ष में बहुत ही ज्यादा है, लोगों का दुर्गा मां पर अटूट विश्वास है और दुर्गा मां की पूजा बहुत ही आदर और सम्मान के साथ किया जाता है। पूरे भारत देश में है दुर्गा मां की बहुत सारे पंडाल सजाए जाते हैं जिनकी 7 दिनों तक पूजा की जाती है। हम सभी लोग आठवीं, नवमी और दशमी को दुर्गा पूजा का मेला घूमने जरूर जाते हैं जिसमें हम मां दुर्गा की काफी सारी अद्भुत मूर्ति भी देखते हैं। दुर्गा मां सच में चमत्कारी है, उनको देखकर ही मालूम पड़ जाता है कि वह सभी देवी देवताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं और यह नवरात्रि का समय बहुत ही लाभदायक है उन सभी महिलाओं और पुरुषों के लिए जो नवरात्रि पूजा करते हैं।
हमें उम्मीद है कि आप दशहरा और दुर्गा पूजा दोनों का लुप्त उठाएंगे, और ढेर सारी मौज मस्ती करेंगे। भारत में त्यौहार के समय अलग अलग पकवान बनाए जाते हैं जिनमें से लड्डू, बर्फी, रसगुल्ला, खीर, हलवा और काफी सारे व्यंजन तैयार किए जाते हैं उम्मीद है आप लोग उसका भी लुफ्त उठाएंगे। इसके साथ-साथ दशहरा पूजा का मेला घूमना और परिवार को घुमाना ना भूले जिसमें आपको जरूर आनंद आएगा।
Celebrations of Dussehra include numerous traditions and rituals, we have tried to cover some important parts of this festival, so that you can easily know about dussehra puja vidhi.
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