Shocking facts about Ravana in Hindi: Must Read this Dussehra 2019
html-to-xml-parser
रावण का नाम सुनते ही हम में से अधिकतर लोगों के मन में एक क्रूर राजा, अहंकारी व्यक्ति, एक असुर और सब को तुच्छ समझने वाला एक घमंडी व्यक्ति की छवि उभरती है। लेकिन हम में से बहुत ही कम लोग हैं जो यह जानते हैं कि रावण सर्वशक्तिशाली, एक कुशल राजा, अत्यंत बुद्धिजीवी और अपने परिवार की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकने वाला भगवान शिव का एक असीम भक्त था। रावण जन्म से ना ही एक राक्षस और ना ही ब्राह्मण था। वह ऋषि विश्रवा का पुत्र था, जो एक ब्राह्मण थे। उसकी मां कैकसी एक क्षत्रिय राक्षसी थी, जिसे ब्रह्मराक्षस के नाम से भी जाना जाता है। रावण एक ऐसा व्यक्ति था जिसके पास ब्राह्मण की बुद्धि और राक्षस की शक्ति थी। रावण का पुष्पक विमान बहुत ही प्रसिद्ध था, जिसका प्रयोग भगवान राम ने सीता जी को बचाने के बाद वापस लौटने के समय किया था।
लेकिन शिव जी राजी नहीं हो रहे थे, तो रावण ने पर्वत को उठाने का प्रयास किया जिसे देख शिवजी ने अपना पैर कैलाश पर्वत पर रख दिया, जिससे रावण की उंगली दब गई है। रावण को दर्द होने के बावजूद भी वह जोर जोर से शिव तांडव करने लगा, यह सब देखकर शंकर जी को बड़ा अजीब लगा कि कोई व्यक्ति इतने दर्द होने के बावजूद भी इतनी तेज आवाज में शिव तांडव कैसे कर सकता है। तभी शिवजी ने रावण को रावण का नाम दे दिया जिसका अर्थ होता है तेज आवाज में दहाड़ना। रावण सर्व शक्तिशाली भी था जिसका प्रमाण उसकी इस बात से लगता है कि रावण तीनों लोकों का स्वामी था, उसने ना केवल इंद्रलोक बल्कि भूलोक के भी बड़े-बड़े हिस्सो को अपनी असुरों की ताकत बढ़ाने के लिए कब्जा किया था।
रावण अपने समय का सबसे विद्वान व्यक्ति माना जाता है और रामायण में भी बताया गया है कि जब रावण मृत्यु शैया पर लेटा हुआ था तब राम जी ने लक्ष्मण को उसके पास बैठने को कहा था ताकि वह मरने से पहले लक्ष्मण को राज्य पाठ चलाने और नियंत्रण करने की गुरुशिक्षा दे सके। ऐसा माना जाता है कि रावण इतना शक्तिशाली था कि उसने नवग्रहों अपने अधिकार में ले लिया था। कथाओं में बताया जाता है कि जब उसके पुत्र मेघानाथ का जन्म हुआ था तब रावण ने ग्रहों को 11 स्थान पर रहने के लिए कहा था ताकि उसके पुत्र को अमरता मिल सके। लेकिन शनिदेव ने ऐसा करने के लिए मना कर दिया और बारहवें स्थान पर विराजित हो गए। इस बात से रावण इतना नाराज हुआ कि उसने शनिदेव पर आक्रमण कर दिया और उसने कुछ समय के लिए शनि देव को भी बंदी बना लिया था। रावण के बहुत से नाम थे लेकिन दशानन उनका सबसे लोकप्रिय नाम था।
रावण एक आदर्श भाई और एक आदर्श पति भी था। एक तरफ रावण ने अपनी बहन सुपनखा के अपमान का बदला लेने के लिए इतना बड़ा फैसला किया जो उसकी मौत का कारण बना, तो वहीं दूसरी ओर अपनी पत्नी को बचाने के लिए वह उस यज्ञ से उठ गया जिससे वह राम जी की सेना को तबाह कर सकता था। इसके अलावा जब कुंभकरण को ब्रह्मा जी ने हमेशा के लिए नींद में सोने का वरदान दिया था, तब रावण ने वापस तपस्या करके इसकी अवधि को 6 महीने कराया था, जिससे पता चलता है कि रावण अपने भाई-बहनों और पत्नी की कितनी फिक्र करता था।
भारत और श्रीलंका में कई ऐसी जगह है जहां पर रावण की पूजा होती है। दक्षिण भारत और दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में रावण की पूजा की जाती है और अनेकों संख्याओं में उनके भक्त भी हैं। कानपुर का कैलाश मंदिर साल में एक बार दशहरे के दिन खुलता है जहां रावण की पूजा होती है इसके अलावा रावण को आंध्र प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी पूजा जाता है।
In this article you have learnt about king ravana history in hindi, please do comment below if you found this information on life history of ravana in hindi useful, also dont forget to share our post to facebook, twitter or any other social media you like.
Ravana history in hindi
Father of ravana - रावण ऋषि विश्रवा का पुत्र था।रावण के पास और भी हवाई जहाज और उनके उतरने के बहुत सारे हवाई अड्डे भी थे। आज भी श्रीलंका में ऐसे हवाई अड्डे हैं जिनको रावण ने अपने युग में इस्तेमाल किया था जैसे मायअंगना में वीरांगन तोता, हॉटएडप्लेन पर थोटु-पोला-केडा, क्रूनिगाला में बरियर पोला और मायागना में कुरुलपोथा। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि शिवजी ने रावण को रावण का नाम पहली बार दिया था। ऐसा कथाओं में बताया जाता है कि रावण शिव जी को कैलाश से लंका ले जाना चाहता था।
लेकिन शिव जी राजी नहीं हो रहे थे, तो रावण ने पर्वत को उठाने का प्रयास किया जिसे देख शिवजी ने अपना पैर कैलाश पर्वत पर रख दिया, जिससे रावण की उंगली दब गई है। रावण को दर्द होने के बावजूद भी वह जोर जोर से शिव तांडव करने लगा, यह सब देखकर शंकर जी को बड़ा अजीब लगा कि कोई व्यक्ति इतने दर्द होने के बावजूद भी इतनी तेज आवाज में शिव तांडव कैसे कर सकता है। तभी शिवजी ने रावण को रावण का नाम दे दिया जिसका अर्थ होता है तेज आवाज में दहाड़ना। रावण सर्व शक्तिशाली भी था जिसका प्रमाण उसकी इस बात से लगता है कि रावण तीनों लोकों का स्वामी था, उसने ना केवल इंद्रलोक बल्कि भूलोक के भी बड़े-बड़े हिस्सो को अपनी असुरों की ताकत बढ़ाने के लिए कब्जा किया था।
Facts about Ravana
Original image of ravana hd wallpaper free download :- ravan images
ravana facts in hindi |
रावण एक आदर्श भाई और एक आदर्श पति भी था। एक तरफ रावण ने अपनी बहन सुपनखा के अपमान का बदला लेने के लिए इतना बड़ा फैसला किया जो उसकी मौत का कारण बना, तो वहीं दूसरी ओर अपनी पत्नी को बचाने के लिए वह उस यज्ञ से उठ गया जिससे वह राम जी की सेना को तबाह कर सकता था। इसके अलावा जब कुंभकरण को ब्रह्मा जी ने हमेशा के लिए नींद में सोने का वरदान दिया था, तब रावण ने वापस तपस्या करके इसकी अवधि को 6 महीने कराया था, जिससे पता चलता है कि रावण अपने भाई-बहनों और पत्नी की कितनी फिक्र करता था।
भारत और श्रीलंका में कई ऐसी जगह है जहां पर रावण की पूजा होती है। दक्षिण भारत और दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में रावण की पूजा की जाती है और अनेकों संख्याओं में उनके भक्त भी हैं। कानपुर का कैलाश मंदिर साल में एक बार दशहरे के दिन खुलता है जहां रावण की पूजा होती है इसके अलावा रावण को आंध्र प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी पूजा जाता है।
In this article you have learnt about king ravana history in hindi, please do comment below if you found this information on life history of ravana in hindi useful, also dont forget to share our post to facebook, twitter or any other social media you like.
Post a Comment