Why is Diwali Celebrated: (दीपावली की कथा ) History of Diwali in Hindi
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दिवाली बच्चों का पसंदीदा त्योहार है यह उनको पटाखों के साथ साथ जश्न मनाने का भी मौका देता है। दिवाली अश्विन के चंद्र मास के अंतिम दिन मनाई जाती है जो ज्यादातर नवंबर महीने के आसपास आती है। दिवाली के साथ जुड़ी कई कहानियां है, कहा जाता है कि प्रभु राम ने रावण को मार के इसी दिन अयोध्या में वापसी की थी। विष्णु के वामन अवतार द्वारा बलि चक्रवर्ती की हार भी इसी दिन हुई थी। लेकिन सबसे लोकप्रिय और ज्यादा दिलचस्प कहानी नरकासुर की है।
समय के साथ-साथ नरकासुर बहुत शक्तिशाली हो गया। यहां तक कि इंद्र देव भी नरकासुर के हाथों हार गए थे। तब सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगे। भगवान विष्णु ने उनको भरोसा दिलाया कि नरकासुर का अंत जल्दी होने वाला है। जल्द ही भगवान विष्णु श्री कृष्ण के रूप और पृथ्वी मां सत्यभामा के रूप में पैदा होंगे। इसी बीच नरकासुर का अत्याचार और भी बढ़ गया वह ऋषि लोगों को सताने लगा और राजाओं को चुनौती देने लगा। ऐसे ही एक मौके पर उनका सामना श्रीकृष्ण से हुआ, श्रीकृष्ण को पता था कि नरकासुर का मृत्यु पृथ्वी मां के हाथों होने वाला है इसीलिए जब सत्यभामा ने लड़ाई देखने की कामना की उन्होंने इंकार नहीं किया। श्री कृष्ण और नरकासुर के बीच लड़ाई शुरू हुई, लड़ाई जम के चली। थोड़ी देर के बाद नरकासुर ने अपने हथियारों से श्रीकृष्ण को बेहोश कर दिया। तब सत्यभामा खुद नरकासुर के सामने लड़ाई को तैयार हो गई। और बड़ी हिम्मत के साथ उससे युद्ध करने लगी और अपने तीर को सीधा नरकासुर पर चलाई। अंत में नरकासुर को सत्यभामा के हाथों मरना ही पड़ा।
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Narakasura vadhe - Story of narakasura and diwali in hindi नरकासुर वराह नामक विष्णु अवतार और पृथ्वी मां से पैदा हुआ था। जब नरकासुर में राक्षस के लक्षण साफ दिखाई दे रहे थे तब पृथ्वी मां को डर लग रहा था कि भविष्य में भगवान विष्णु उसको मार डालेंगे। तो पृथ्वी मां ने भगवान विष्णु को प्रार्थना की और उनके हाथों नरकासुर का वध ना हो ऐसा वचन लिया। तब भगवान विष्णु ने थोड़ी देर सोच कर कहा ठीक है मैं तुमको एक वरदान देता हूं कि तुम्हारे अलावा कोई भी नरकासुर को मार नहीं सकता। यह सुनकर पृथ्वी मां बहुत खुश हो गए क्योंकि उनको विश्वास था कि अपने हाथों अपने ही बेटे को वह कभी भी मार नहीं सकती।
क्यों मनाते है हम दीवाली: Why do we celebrate diwali in hindi
Best Diwali wishes in english & Hindi:- diwali greeting messages
Best Essay दीपावली पर हिन्दी निबंध :- essay on diwali in hindiइसी दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। और अगले दिन पर लोगों ने दीप और पटाखों के साथ इस अवसर को मनाया। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्तियां है, दिवाली सिर्फ हिंदुओं का नहीं बल्कि जैन और सिख लोग भी अपने-अपने कारण इस त्यौहार को मनाते हैं। जैनों के आखिरी तीर्थंकर वर्धमान महावीर का निर्माण भी इसी दिन हुआ था। इस दिन पर लोग लक्ष्मी देवी की पूजा करते हैं माना जाता है कि इसी दिन लक्ष्मी देवी अपने भक्तों के घर आती है, दरअसल दिवाली का दूसरा नाम लक्ष्मी पूजा है। मारवाड़ी लोग भी इसी दिन पर लक्ष्मी पूजा करने के लिए बहुत महत्व देते हैं, यहां तक कि उनका नया साल की दिवाली के साथ ही शुरू होता है। दिवाली के दिन हर कोई जल्दी उठता है सिर से स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं। स्वादिष्ट मिठाई के साथ अपना दिन बिताते हैं। घर में छोटे बड़े श्रद्धा के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। सूर्यास्त में दीपक जलाते हैं और सब पटाखे भी फोड़ते हैं। अमावस की अंधेरी रात दिवाली पर जलाया दीपक के साथ चमक उठता है। दीवाली की आतिशबाजी से सर्दियों की ठंड कम होती है और उस समय पैदा होने वाले कीड़ों को मार देती है। दीवाली की रात जब काली हो जाती है और पटाखों का शोर कम हो जाता है अगले वर्ष के दिवाली तक रहने वाली खुशियां लिपट के बच्चे अपने बिस्तर पर सो जाते हैं।
दिवाली के अचूक उपाय और टोटके (धन-धान्य, सुख-संपदा के लिए) :- diwali ke totkeSo now you know why is diwali celebrated, we hope you liked this post. If you really liked reading this article please share this post on your facebook or any social media account you love.
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